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Lyrics
इस दिल की बेचैनियों को
अब राहत मिल चुकी है
दो जिस्मों को चाहत की
इजाज़त मिल चुकी है
इस दिल की बेचैनियों को
अब राहत मिल चुकी है
दो जिस्मों को चाहत की
इजाज़त मिल चुकी है
तेरे लबों को छूने की
अब ख्वाहिश हो चुकी है
मेरी आंखों को तेरे चेहरे की
अब आदत हो चुकी है
मेरी आंखों को तेरे चेहरे की
अब आदत हो चुकी है

अब थाम के इस दिल को
सुन लो ज़रा तुम
जो भी है दिल में अब तो
कह लो ज़रा तुम
दिखने दो चाहत वाली
प्यास इन आंखों में
तरसी निगाहों में अब
रह लो ज़रा तुम
हो इन तपती हुई सांसों की
फर्माइश हो चुकी है
मेरी आंखों को तेरे चेहरे की
अब आदत हो चुकी है
मेरी आंखों को तेरे चेहरे की
अब आदत हो चुकी है

ओह है इल्तेजा जिस्मों की
सुन लो ज़रा तुम
होने भी दो बे पर्दा
इनको ज़रा तुम
खो जाने दो इन गहरी
गहरी सी आंखों में
प्यासे पलों में अब
रह लो ज़रा तुम
हो दिल के इन जज़्बातों की
नुमाइश हो चुकी है
मेरी आंखों को तेरे चेहरे की
अब आदत हो चुकी है
मेरी आंखों को तेरे चेहरे की
अब आदत हो चुकी है
मेरी आंखों को
तेरे चेहरे की
तेरे चेहरे की
अब आदत हो चुकी है
अब आदत हो चुकी है
अब आदत हो चुकी है
अब आदत हो चुकी है
आ आ ओ ओ हो हो हाँ हाँ

WRITERS

ALTAAF, ANAND, MANNY

PUBLISHERS

Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC

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