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Lyrics
कारी कारी सौंधी अखियाँ
कैसे बोले मन की बतियाँ
किसे ढूंढें आईने में
है क़ैद रतिया री
कारी कारी सौंधी अखियाँ
राह देखे बीती सदियाँ
कहीं गूंजे तेरी यादें
फ़िराक में ही हारी
कारी कारी सौंधी अखियाँ
कैसे बोले मन की बतियाँ
तेरे जैसा ही दीखता है अक्स तेरा
पर खुद में ही इक दुनिया है अक्स तेरा
तेरे जैसा ही दीखता है अक्स तेरा
पर खुद में ही इक दुनिया है अक्स तेरा

माज़ी को माज़ी रहने दे
अंखियों से नदिया बहने दे
फिर से इन वक़्त के टुकडो को
रब की फ़रमाइश सहने दे
शाखों से कलियाँ टूटी है
जब से तू खुद से यूँ रूठी है
ज़रा देखे गौर से ओह सैयां
अक्स ये तेरा तू ही है
तेरे जैसा ही दीखता है अक्स तेरा
पर खुद में ही इक दुनिया है अक्स तेरा
तेरे जैसा ही दीखता है अक्स तेरा
पर खुद में ही इक दुनिया है अक्स तेरा
कारी कारी सौंधी अखियाँ
राह देखे बीती सदियाँ
कहीं गूंजे तेरी यादें
फ़िराक में ही हारी
कारी कारी सौंधी अखियाँ
कैसे बोले मन की बतियाँ

WRITERS

Arko

PUBLISHERS

Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC, RALEIGH MUSIC PUBLISHING

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