गुज़रती हैं जब ज़ुल्फ़ों से
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
दिल में यही एक ग़म रहता है
हाँ, दिल में यही एक ग़म रहता है
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
हाँ, धीरे-धीरे, हौले-हौले भिगा देंगी ये बरसातें
जाने कहाँ फिर मिलेंगी हमें ऐसी मुलाक़ातें
कैसे मैं दिल को? दीवाना चाहे बस तुम को
ख़्वाहिशों में ही जल रहा हूँ मैं यहाँ
ख़्वाब मेरा ये तोड़ो ना तुम
जिस्मों पे बरसती बारिश ने रूह भिगा दी है
इस मौसम की साज़िश ने ये नींद उड़ा दी है
वैसे तो डुबाने को बस एक बूँद ही काफ़ी है
सोचो तो ज़रा क्या होगा, अभी रात ये बाक़ी है
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन