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Jab Se Usne Shaher Ko Chhoda

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Lyrics
जब से उसने शहेर को छ्चोड़ा
जब से उसने शहेर को छ्चोड़ा
हर रास्ता सुन सुआन हुआ
अपना क्या है सारे शहेर का
अपना क्या है सारे शहेर का
एक जैसा नुकसान हुआ
जब से उसने शहेर को छ्चोड़ा
हर रास्ता सुन सुआन हुआ

सेहरा की मुज़ार हवायें
औरो से मंसूब हुई
सेहरा की मुज़ार हवायें
औरो से मंसूब हुई
मुफ़्त में हम आवारा ठहरे
मुफ़्त में हम आवारा ठहरे
मुफ़्त में घर वीरान हुआ
जब से उसने शहेर को छ्चोड़ा
हर रास्ता सुन सुआन हुआ

मेरे हालाते हैरत कैसे
दर्द के तन्हा मौसम में
मेरे हालाते हैरत कैसे
दर्द के तन्हा मौसम में
पत्थर भी रो पड़ते है
पत्थर भी रो पड़ते है
इंसान तो फिर इंसान हुआ
जब से उसने शहेर को छ्चोड़ा
हर रास्ता सुन सुआन हुआ
उसके ज़ख़्म च्छूपा के रखिए
खुद उस शाकस की नज़रो से
उसके ज़ख़्म च्छूपा के रखिए
खुद उस शाकस की नज़रो से
उस से कैसा शिकवा कीजिए
उस से कैसा शिकवा कीजिए
वो तो अभी नादान हुआ
जब से उसने शहेर को छ्चोड़ा
हर रास्ता सुन सुआन हुआ

यूँ भी कम आमेज़ था मोहसिन
वो इस शहेर के लोगो में
यूँ भी कम आमेज़ था मोहसिन
वो इस शहेर के लोगो में
लेकिन मेरे सामने आकर
लेकिन मेरे सामने आकर
और भी कुच्छ अंजाम हुआ
जब से उसने शहेर को छ्चोड़ा
जब से उसने शहेर को छ्चोड़ा
हर रास्ता सुन सुआन हुआ
जब से उसने शहेर को छ्चोड़ा
हर रास्ता सुन सुआन हुआ.

WRITERS

GHULAM ALI, MOHSIN NAQVI

PUBLISHERS

Lyrics © Royalty Network, Sentric Music

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