टूटता हीं जाब तारा अरूज़ तेरी छाई
आज भी तेरे नखरे लगते हैं प्यारे
जब कभी तू पुकारे तेरी रह दिल जाई
आयात हैं तू मेरी तुझको तू मिला हैं
गुम के फैलाई तमश में रोशनी बिखेरे
मेरी खुदी तू हैं गुम से रिहाई तू हैं
तेरे शुक्रिया करना हैं अदा
कई मूड पे हैं सम्भलना तूने हैं
तू हैं साथ तो डर मुझे ना किसीसे
जो वादा किया था निभाया तूने हैं
जमके हुमको बधाई हुमको बधाई हुमको बधाई